मेरे एक टीचर ने बहुत पहले मुझे एक गुरु मंत्र दिया था ,इसके बाद मुझे अपनी सेलरी कम नहीं लगी। अगर आपको दस हजार सेलरी मिलती हैं और उस कॉलेज मे दो हजार स्टूडेंट्स हैं तब भले ही आप दो या तीन क्लासेस मे पढ़ाते हो तो भी मानो कि दो हजार आपके ही स्टूडेंट हैं और हर स्टूडेंट आपको पांच रूपये आपकी सेलरी मे सहयोग कर रहा हैं। ये सोच हमे विनर्म बनाती हैं और पूरी संस्था के गुरुतर उत्तरदायित्त्व को अनुभव कराती हैं ।