सौ रूपये का एसेट कँही किसी विदेशी बैंक के डूबने से दस रूपये रहा गया । जिसके पास था , उसने नब्बे फीसदी रकम गँवा दी । दूसरे ने दस रूपये पर उसे ख़रीद लिया । दो साल बाद एसेट फिर सौ पर पहुँचा तो पहले का घाटा पूरा हुआ और दूसरे को नौ सौ फीसदी का मुनाफा हुआ ।